पर हिम्मत नहीं हो रही
बहुत अकेला महसूस कर रहा हूँ
पर किसी की भी ज़रूरत नहीं हो रही
जी चाहता है खोल दूँ दिल के सब राज़
पर जुर्रत नहीं हो रही
दिल तो बार बार बिखर रहा है
पर टूटने की आहट नहीं हो रही
बार बार रोना चाहता है ये दिल
पर आँखों से बरसात नहीं हो रही
उसकी बाहों के आग़ोश में सोना था
पर कमबख्त रात नहीं हो रही
कभी कभी खुश हो रहा था दिल
पर बहारों की सौगात नहीं हो रही
जादू ये कैसा है सामने हूँ तुम्हारे
पर लबों से बात नहीं हो रही
सब कुछ तो कह भी नहीं सकता
और बयां दास्तान - ए - जज़्बात नहीं हो रही