Wednesday, September 8, 2010

Kuch To Dekho

To Those Who Never Fall In Love.........

इन  आँखों  में  छुपे  उस  राज़  को  देखो
सुनो  हर  सुर  को  और  साज़  को  देखो
साथ  ज़िन्दगी  का  कुछ  वक़्त  का  ही  सही
कुछ  देर  तो  प्यार  करने  वाले  जांबाज़  को  देखो

दिल  में  उठी  लहरों  में  बह  कर  तो  देखो
साथी  संग  दो  लफ्ज़  कह  कर  तो  देखो
तन्हाई  में  उस  बिन  रह  कर  तो  देखो
प्यार  के  मीठे  गम  को  सह  कर  तो  देखो

प्यार  में  छुपे  इज़हार  को  देखो
प्यार  में  छुपे  इकरार  को  देखो
प्यार  में  छुपी  तकरार  को  देखो
प्यार  में  छुपी  हार  को  देखो

Zindagi

ज़िन्दगी  के  कुछ  अहम  मोड़  के  लिए  कुछ  पंक्तियाँ

यादों  में  बह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी
खामोश  लबों  से  दिल  की  बात  कह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी
जुदाई  बेवफा  की  मार  न  दे  आशिक  को
हर  दर्द  को  सह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी

इश्क  की  राहों  में  फना  हो  जाना  है  ज़िन्दगी
किसी  के  प्यार  में  सूली  चढ़  जाना  है  ज़िन्दगी
कोई  अपने  टूटे  हुए  दिल  को  कैसे  समझाए
हर  पल  उसी  के  लिए  मर  जाना  है  ज़िन्दगी

टूटे  ख़्वाबों  की  कश्ती  है  ज़िन्दगी
तेरे  मदहोश  नैनो  की  मस्ती  है  ज़िन्दगी
ज़माने  वाले  माने  या  न  माने
अब  बेवफा  पर  न  जचती  है  ज़िन्दगी

सूरज  की  आग  से  बेहोश  है  ज़िन्दगी
चांदनी  इस  रात  में  मदहोश  है  ज़िन्दगी
अब  तो  तुझ  बिन  बीते  हुए  हर  पल  में
तुझी  को  पाने  का  जोश  है  ज़िन्दगी

Monday, September 6, 2010

Kabhi Kaha Nahi

तेरे  इश्क  की  है  दीवानगी  पर  कभी  कहा  नहीं
हर  वक़्त  तेरे  लिए  आवारगी  पर  कभी  कहा  नहीं

बेक़रार  हो  गया  तेरे  लिए  पर  कभी  कहा  नहीं
प्यार  हो  गया  तुझसे  पर  कभी  कहा  नहीं

दीदार  किया  चुप  चुप  के  पर  कभी  कहा  नहीं
प्यार  किया  चुप  चुप  के  पर  कभी  कहा  नहीं

इज़हार  करना  चाहा  पर  कभी  कहा  नहीं
ऐतबार  तो  था  पर  कभी  कहा  नहीं

( इक  दिन  उसे  पाकर  खुश  हो  गए  पर  दूसरे  ही  दिन )

देखा  किसी  और  की  बाहों  में  पर  कभी  कहा  नहीं
अँधेरा  ही  है  अपनी  राहों  में  पर  कभी  कहा  नहीं

बदला  आँखों  से  हर  मंज़र  पर  कभी  कहा  नहीं
छूट  गया  हमसफ़र  पर  कभी  कहा  नहीं

नहीं  है  अब  कोई  मंजिल  पर  कभी  कहा  नहीं
तू  है  हमारा  कातिल  पर  कभी  कहा  नहीं

हाथों  में  है  जाम  पर  कभी  कहा  नहीं
प्यार  का  यही  है  अंजाम  पर  कभी  कहा  नहीं

( उसे  भूलने  के  बाद  भी  )

अधूरा  था  तुझ  बिन  पर  कभी  कहा  नहीं
आज  पूरा  हूँ  तुझ  बिन  पर  कभी  कहा  नहीं

यादों  में  है  तू  पर  कभी  कहा  नहीं
बेवफा  है  तू  पर  कभी  कहा  नहीं

Sunday, September 5, 2010

Arz kiya hai



Main hun hi kaun

क्यों  मेरे  लिए  कोई  इंतजार  करेगा ,
अपनी  जिंदगी  मेरे  लिए  बेकार  करेगा .
मै  क्या  हूँ  मेरी  हस्ती  ही  क्या  है ,
क्या  देखकर  हमसे  कोई  प्यार  करेगा  !!

आँख  मै  नशा  दिया  करते  है  हम ,
सबकी  नींदें  चुरा  लिया  करते  है  हम ,
अब  से  जब - जब  पलके  झपके ,
समझ  लेना  तब - तब  याद  किया  करते  है  हम  !!

रात  के  करवटों  को  बदगुमानी  है ,
जो  भी  चाहे  कर  ले  मनमानी  है ,
सवारता  है  इश्क  रात  की  जुल्फों  में ,
प्यार  से  लिपटने  की  चाहत  ही  जिंदगानी  है  !!

उसकी  दोस्ती  मै  ये  नौबत  आ  गई ,
ठंडी  हवा  भी  हमे  जला  गई ,
हवा  कहती  है  तुम  यहाँ  तरसते  ही  रह  गए ,
मैं  तुम्हारे  दोस्त  को  छू  कर  भी  आ  गई !!