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Wednesday, September 8, 2010

Zindagi

ज़िन्दगी  के  कुछ  अहम  मोड़  के  लिए  कुछ  पंक्तियाँ

यादों  में  बह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी
खामोश  लबों  से  दिल  की  बात  कह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी
जुदाई  बेवफा  की  मार  न  दे  आशिक  को
हर  दर्द  को  सह  जाने  का  नाम  है  ज़िन्दगी

इश्क  की  राहों  में  फना  हो  जाना  है  ज़िन्दगी
किसी  के  प्यार  में  सूली  चढ़  जाना  है  ज़िन्दगी
कोई  अपने  टूटे  हुए  दिल  को  कैसे  समझाए
हर  पल  उसी  के  लिए  मर  जाना  है  ज़िन्दगी

टूटे  ख़्वाबों  की  कश्ती  है  ज़िन्दगी
तेरे  मदहोश  नैनो  की  मस्ती  है  ज़िन्दगी
ज़माने  वाले  माने  या  न  माने
अब  बेवफा  पर  न  जचती  है  ज़िन्दगी

सूरज  की  आग  से  बेहोश  है  ज़िन्दगी
चांदनी  इस  रात  में  मदहोश  है  ज़िन्दगी
अब  तो  तुझ  बिन  बीते  हुए  हर  पल  में
तुझी  को  पाने  का  जोश  है  ज़िन्दगी

Sunday, September 5, 2010

Arz kiya hai



Main hun hi kaun

क्यों  मेरे  लिए  कोई  इंतजार  करेगा ,
अपनी  जिंदगी  मेरे  लिए  बेकार  करेगा .
मै  क्या  हूँ  मेरी  हस्ती  ही  क्या  है ,
क्या  देखकर  हमसे  कोई  प्यार  करेगा  !!

आँख  मै  नशा  दिया  करते  है  हम ,
सबकी  नींदें  चुरा  लिया  करते  है  हम ,
अब  से  जब - जब  पलके  झपके ,
समझ  लेना  तब - तब  याद  किया  करते  है  हम  !!

रात  के  करवटों  को  बदगुमानी  है ,
जो  भी  चाहे  कर  ले  मनमानी  है ,
सवारता  है  इश्क  रात  की  जुल्फों  में ,
प्यार  से  लिपटने  की  चाहत  ही  जिंदगानी  है  !!

उसकी  दोस्ती  मै  ये  नौबत  आ  गई ,
ठंडी  हवा  भी  हमे  जला  गई ,
हवा  कहती  है  तुम  यहाँ  तरसते  ही  रह  गए ,
मैं  तुम्हारे  दोस्त  को  छू  कर  भी  आ  गई !!