Sunday, September 5, 2010

Main hun hi kaun

क्यों  मेरे  लिए  कोई  इंतजार  करेगा ,
अपनी  जिंदगी  मेरे  लिए  बेकार  करेगा .
मै  क्या  हूँ  मेरी  हस्ती  ही  क्या  है ,
क्या  देखकर  हमसे  कोई  प्यार  करेगा  !!

आँख  मै  नशा  दिया  करते  है  हम ,
सबकी  नींदें  चुरा  लिया  करते  है  हम ,
अब  से  जब - जब  पलके  झपके ,
समझ  लेना  तब - तब  याद  किया  करते  है  हम  !!

रात  के  करवटों  को  बदगुमानी  है ,
जो  भी  चाहे  कर  ले  मनमानी  है ,
सवारता  है  इश्क  रात  की  जुल्फों  में ,
प्यार  से  लिपटने  की  चाहत  ही  जिंदगानी  है  !!

उसकी  दोस्ती  मै  ये  नौबत  आ  गई ,
ठंडी  हवा  भी  हमे  जला  गई ,
हवा  कहती  है  तुम  यहाँ  तरसते  ही  रह  गए ,
मैं  तुम्हारे  दोस्त  को  छू  कर  भी  आ  गई !!


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