Saturday, February 26, 2011

Dil Kehta hai

जब रास्ते थे पर मंजिले नहीं
जब जुगनू थे पर अँधेरे नहीं
कमबख्त कैसे पल है ये प्यार के
जब तुम थे तो हम नहीं और हम है तो तुम नहीं

मेरी दुआ है रब से तुम्हे हर ख़ुशी नसीब हो
गम दुःख दर्द में तुम सबसे गरीब हो
खुदा बक्षे तम्हे ऐसी ज़िन्दगी 
लबों पे आने से पहले तेरी ख्वाहिश तेरे करीब हो

Friday, February 25, 2011

Sher

क्यों हमे रिश्ते निभाना नही आता
क्यों दिल को दिल भुलाना नही  आता
तड़पना मंज़ूर है  पर
नैनो से झूठे ख्वाब मिटाना नही आता 

काश रिश्तों की गाँठें यूँही खुल जाती
की जो गलतियाँ वो यूँही भुल जाती
बेकैफ़ बयान कर देते दिल के ग़म
 अश्कों से अश्कों की धारा धुल जाती 

Saturday, February 12, 2011

Arz Kiya Hai



छलकती आँखों को वो जाम कहते है

मेरी मोहब्बत को वो इलज़ाम कहते है

बेदर्दी से नीलाम किया मेरा इश्क

किसको बताये इसे क़त्ल-ए-आम कहते है




वक़्त ने कैसे कैसे सितम हम पर ढाए

दिल की उलझनों में ऐसे उलझे

की किसी से छुपा भी न पाए

और किसी को बता भी न पाए




नाम थी आँखें नींद की सिफारिश किस्से करते

बंद की पलकें और झरे आंसु , आंसु की बारिश किसपे करते