जब रास्ते थे पर मंजिले नहीं
जब जुगनू थे पर अँधेरे नहीं
कमबख्त कैसे पल है ये प्यार के
जब तुम थे तो हम नहीं और हम है तो तुम नहीं
मेरी दुआ है रब से तुम्हे हर ख़ुशी नसीब हो
गम दुःख दर्द में तुम सबसे गरीब हो
खुदा बक्षे तम्हे ऐसी ज़िन्दगी
लबों पे आने से पहले तेरी ख्वाहिश तेरे करीब हो