क्यों हमे रिश्ते निभाना नही आता
क्यों दिल को दिल भुलाना नही आतातड़पना मंज़ूर है पर
नैनो से झूठे ख्वाब मिटाना नही आता
काश रिश्तों की गाँठें यूँही खुल जाती
की जो गलतियाँ वो यूँही भुल जाती
बेकैफ़ बयान कर देते दिल के ग़म
अश्कों से अश्कों की धारा धुल जाती
अश्कों से अश्कों की धारा धुल जाती
Transliteration mistakes way too many!!
ReplyDeleteनैनो से झूठे ख्वाब मिटाना नही आता... adhhore khwaab wud have been better i guess !!
good work anyway :)
hmmmm......
ReplyDeletewill work on it......
thnx for ur valuable suggestion