Tuesday, July 5, 2011

Aukaat.....

मेरे  खुदा  ने  बहुत नवाज़ा  है  मुझको ,

मेरी  औकात  के  बराबर  मिलता  तो  शायद  “तुम”  न  मिलते ..!!

मैने  बिताया  हर  पल  तन्हाई  में  नदिया  किनारे  पे
काश  मुझे  भी  तोला  होता  मेरे  अश्कों  के  धारों  से

तो  कसम  तुम्हे  अपनी  औकात  बता  देते
इतना  चाहते  थे  की  सैलाब  बहा  देते .....

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