कभी दूर होते हैं , तो न जाने क्या क्या फ़र्ज़ कर लेते हैं ....
जब पास होते हैं तो आपको अपने दिल में दर्ज कर लेते हैं ....
यह तो आपकी ही मुहब्बत का आलम है साक़ी ...
जब भी तुलना करते हैं , खुदको आपके लिए क़र्ज़ कर लेते हैं ....
जब पास होते हैं तो आपको अपने दिल में दर्ज कर लेते हैं ....
यह तो आपकी ही मुहब्बत का आलम है साक़ी ...
जब भी तुलना करते हैं , खुदको आपके लिए क़र्ज़ कर लेते हैं ....
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